मायूस हो के तेरे दरबार आ गया हूँ भजन लिरिक्स

मायूस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ,
ठुकरा के आज झूठा,
संसार आ गया हूँ,
मायुस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ।।

तर्ज – तेरे नाम का दीवाना।



मजबूरियों की कहानी हूँ मैं,

बर्बाद सी ज़िंदगानी हूँ मैं,
मजबूरियों की कहानी हूँ मैं,
बर्बाद सी ज़िंदगानी हूँ मैं,
एक बेबसी का बनके,
एक बेबसी का बनके,
साहूकार आ गया हूँ,
ठुकरा के आज सारा,
संसार आ गया हूँ,
मायुस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ।।



लब पे तड़प दिल में फरियाद है,

गुलशन उम्मीदों का बर्बाद है,
लब पे तड़प दिल में फरियाद है,
गुलशन उम्मीदों का बर्बाद है,
तुझको समझ के अपना,
तुझको समझ के अपना,
एक बार आ गया हूँ,
ठुकरा के आज सारा,
संसार आ गया हूँ,
मायुस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ।।



सपने मिलन के सजाएँ हुए,

दर्शन खड़ा सर झुकाएँ हुए,
सपने मिलन के सजाएँ हुए,
दर्शन खड़ा सर झुकाएँ हुए,
इस ज़िन्दगी से होकर,
इस ज़िन्दगी से होकर,
लाचार आ गया हूँ,
ठुकरा के आज सारा,
संसार आ गया हूँ,
मायुस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ।।



मायूस हो के तेरे,

दरबार आ गया हूँ,
ठुकरा के आज झूठा,
संसार आ गया हूँ,
मायुस हो के तेरे,
दरबार आ गया हूँ।।

स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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