मात पिता और गुरू चरणों में,
दंडवत बारम्बार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
ममता ज्ञान लुटाकर हम पर,
ममता ज्ञान लुटाकर हम पर,
दिना जन्म सुधार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार।।
तर्ज – देख तेरे संसार की हालत।
माता ने जो कष्ट उठाया,
कभी कर्ज न जाय चुकाया,
उंगली पकड कर चलना सिखाया,
ममता की दी शीतल छाया,
संस्कार लेकर जिनसे हम,
संस्कार लेकर जिनसे हम,
कहलाये हुशियार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार।।
पिता ने हमको योग्य बनाया,
कमा कमा कर अन्न खिलाया,
पढा लिखा कर गुणवान बनाया,
जीवन पथ पर चलना सिखाया,
जोड़ जोड़ अपनी संपत्ति को,
जोड़ जोड़ अपनी संपत्ति को,
बना दिया हकदार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार।।
तत्व ज्ञान गुरू ने दर्शाया,
अंधकार को दूर भगाया,
हृदय में भक्ति दीप जलाकर,
प्रभु मिलन का मार्ग बताया,
जो भी उनकी शरण में जाता,
जो भी उनकी शरण में जाता,
कर देवे उद्धार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार।।
मात पिता और गुरू चरणों में,
दंडवत बारम्बार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
ममता ज्ञान लुटाकर हम पर,
ममता ज्ञान लुटाकर हम पर,
दिना जन्म सुधार,
हम पर किया बडा़ उपकार,
हम पर किया बडा़ उपकार।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
बहुत ही आकर्षक प्रस्तुति भाई साहब
आपको सादर प्रणाम
Nice bhajan