माँ करुणा बरसायेगी,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ की नज़र पड़ जाएगी,
तेरी दुआ रंग लाएगी,
असुवन की तू भेंट चढ़ा,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी।।
इनकी दया से श्रष्टि चले,
बिन मर्जी पत्ता ना हिले,
तू काहे घबराता है,
माँ ही भाग्यविधाता है,
बिगड़ी तेरी बनाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी।।
कण कण नूर समाया है,
माँ का हरपल साया है,
बच्चो की तो जान है माँ,
हम सबकी पहचान है माँ,
हमपे ममता लुटाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी।।
मत घबरा माँ के रहते,
वेद पुराण यही कहते,
‘रजनी’ सेवादारी कर,
‘चोखानी’ चल माँ के दर,
अपनी गोद बिठाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी।।
माँ करुणा बरसायेगी,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ की नज़र पड़ जाएगी,
तेरी दुआ रंग लाएगी,
असुवन की तू भेंट चढ़ा,
माँ करुणा बरसाएगी,
माँ करुणा बरसाएगी।।
स्वर – रजनी जी राजस्थानी।
Very nice song