द्रोणागिरी पर वेद बताई तू लाकर प्राण बचा दे

द्रोणागिरी पर वेद बताई,
तू लाकर प्राण बचा दे।

दोहा – लक्ष्मण के शक्ति लगी,
श्री रघुवर भए उदास,
जामवंत कहने लगे,
जाओ महावीर के पास।



द्रोणागिरी पर वेद बताई,

तू लाकर प्राण बचा दे,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।



मैं कईया अयोध्या जाऊं,

कईया माँ ने मुख दिखलाऊं,
जद पूछेगी माँ कठे है लक्ष्मण,
सांची बात बता दे,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।



थे वीर बड़ा हो भारी,

जाने की करल्यो तैयारी,
तेरे सिवा कोई और ना दिखे,
बिगड़ी बात बनादे,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।



यो सूरज उगण नहीं पावे,

यो आथूणो रह जावे,
इतनी सुनकर चले पवनसूत,
चरणा में शीश नवाके,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।



संजीवन हनुमत लाया,

लक्ष्मण को घोट पिलाया,
तुलसीदास भजन कर गाया,
म्हारी नैया पार लगादे,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।



द्रोणागिर पर वेद बताई,

तू लाकर प्राण बचा दे,
ल्यादे ओ ल्यादे,
संजीवन बूटी ल्यादे।।

गायक – प्रेम सिंह जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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