लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हे,
श्री राम और जानकी।
तर्ज – अगर दिलबर की रुसवाई।
है खुद रघुवर मेरे रक्षक,
नहीं है परवाह मुझे प्राण की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हे,
श्री राम और जानकी,
है खुद रघुवर मेरे रक्षक,
नहीं है परवाह मुझे प्राण की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हें,
श्री राम और जानकी।।
ये हिरे और ये मोती,
मुझे क्या इनसे लेना है,
करूँ बस राम की सेवा,
सदा चरणों में रहना है,
सदा चरणों में रहना है,
नहीं हो राम जिस शय में,
बताओ वो मेरे किस काम की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हें,
श्री राम और जानकी।।
खजाना राम का ऐसा,
कभी ये कम नहीं होता,
है जिसके पास ये दौलत,
उसे कोई गम नहीं होता,
उसे कोई गम नहीं होता,
नहीं रहती उसे चिंता,
कभी सुबह की या शाम की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हें,
श्री राम और जानकी।।
सुनो ऐ लंका के राजा,
तुम्हे होगी तो हैरानी,
मेरे प्रभु राम से जो भी,
करेगा कोई शैतानी,
करेगा कोई शैतानी,
मिटा डालूं मैं चुटकी में,
कसम है ‘नरसि’ मुझे राम की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हें,
श्री राम और जानकी।।
है खुद रघुवर मेरे रक्षक,
नहीं है परवाह मुझे प्राण की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हे,
श्री राम और जानकी,
है खुद रघुवर मेरे रक्षक,
नहीं है परवाह मुझे प्राण की,
लो सीना चिर दिखलाऊँ तुम्हें,
श्री राम और जानकी।।
Singer : Rajnish Sharma
Suggested By : Sanjiv Sharma
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