ले घोडलीयो गुदड़ा वालो ले उड गयो दूर नभ में

हट पकडी तो एडी पकडी मानो,
अजमल जी लाडलो थारो,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदड़ा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।



सोच रया सगला बात मन मन मे,

कैया लालो उड रयो बादली गगन में,
देख्या दरजी ने दिन माहि तारा,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदडा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।



हर कोई केवे है जादू वालो दरजी,

घोडलीयो बनाय दियो कंवरा ने फरजी,
अजमलजी रो चढ गयो पारो,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदडा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।



हाथो हाथ दरजी ने मिल गयो परचो,

मानो तो है अब थारो मच गयो चर्चो,
सदा भगता रो रिजे हितकारो,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदडा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।



प्यारा डाली सुगना ने प्यारा लागे हरजी,

‘प्रेम’ री अरज सुन आणो थाने पडसी,
म्हाने भवसाग ऊबारो,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदडा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।



हट पकडी तो एडी पकडी मानो,

अजमल जी लाडलो थारो,
के उड गयो दूर नब मे,
ले घोडलीयो गुदड़ा वालो,
ले उड गयो दूर नब मे।।

प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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