लाल लाल चोला सिंह सवारी,
दोहा – तू तो माँ दानी,
अम्बे भवानी,
सच्चा तेरा दरबार है,
तीनो लोक माँ तुझको पूजे,
महिमा अपरम्पार है।
लाल लाल चोला सिंह सवारी,
तुझको माँ पूजे दुनिया सारी,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
तर्ज – मन मेरा मंदिर शिव मेरी।
ऊँचे निचे पर्वत मैया,
पैदल चल दरबार है आए,
भूल गए हम पाँव के छाले,
ज्यूँ ही नज़र दरबार माँ आए,
माँ सुनते है तू खुश होकर,
झोलियाँ भरती सबकी खाली,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
नैनो में है मिलन की आशा,
मन में माँ विश्वास भरा है,
दर आए भक्तो के दामन,
को मैया ने पल में भरा है,
दर आए की लाज तू रखती,
सबके पुरे ख्वाब तू करती,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
बारह महीने तेरी दया का,
सावन माँ दिन रात बरसता,
माँ उसके भी हाल तो पूछो,
आने को दरबार मचलता,
सबके मन का हाल वो जाने,
सबकी दशा को तू पहचाने,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
तेरे दर से ज्ञान मिला है,
जीने का आधार मिला है,
अंधियारी काली रातों को,
दूर सही एक दिप जला है,
दूर करे माँ राहो के रोड़े,
मुश्किल में कभी साथ ना छोड़े,
Bhajan Diary Lyrics,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
लाल लाल चोला सिह सवारी,
तुझको माँ पूजे दुनिया सारी,
आओ मैया के दर,
मैया रहती जिधर,
माँ के दरबार आके,
तू सर को झुका,
लाल लाल चोला सिह सवारी।।
स्वर – चेतना।