लाडू चुरमा की पोट माथे माले पड़ी रामदेवजी भजन लिरिक्स

लाडू चुरमा की पोट,
माथे माले पड़ी,
चाल रूणीचे बाबो,
थारी करसी भली,
रामा राजकुमार,
सज्यो है बाबा रो दरबार।।



माह भादवो लागे ज्यार,

बड़े जोर को मेळो,
दुर दुर स्यू आवे ज्यातरी,
हुव खंड को भेळो,
ओ लेके हाथा म निशान,
आवे भीड़ तगड़ी,
चाल रूणीचे बाबो,
थारी करसी भली।।



जात झडूला लागे ज्यारे,

बाजे नोबत बाजा,
सबका बेड़ा पार लगावे,
रामदेव महाराजा,
ओ बाबो विपदा मिटावे,
देखो बड़ी रे बड़ी,
चाल रूणीचे बाबो,
थारी करसी भली।।



ध्वजाबंद कलयुग अवतारी,

लाज राखज्यो म्हारी,
ओर सगा रो छोड़ आसरो,
आयो शरण म थारी,
ओ लिख ‘गोपाल बजाज’,
लागी भजना की छड़ी,
चाल रूणीचे बाबो,
थारी करसी भली।।



लाडू चुरमा की पोट,

माथे माले पड़ी,
चाल रूणीचे बाबो,
थारी करसी भली,
रामा राजकुमार,
सज्यो है बाबा रो दरबार।।

गायक – नवरत्न पारीक।
सुजानगढ़ 9887140192
लेखक – स्व. गोपाल जी बजाज।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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