क्यों रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है,
बन के पिता जब ये बैठा,
तू क्यूँ रो रहा है,
क्यूँ रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है।।
तर्ज – याद आ रही है तेरी याद।
देर भले हो जाए,
पर काम तेरा हो जाएगा,
बाबा करने वाले,
पर नाम तेरा हो जाएगा,
किया भरोसा जिसने चैन से,
वो सो रहा है,
क्यूँ रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है।।
मत घबराना प्यारे,
चाहे मुश्किल कितनी बड़ी है,
हर मुश्किल से कहना,
मेरे संग में श्याम धणी है,
जो ना हुआ इस दर पे आके,
वो हो रहा है,
क्यूँ रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है।।
‘श्याम’ कह रहा मुझ पर,
जो बीती वो बतला रहा,
इसकी कृपा के चलते,
ही श्याम तराने गा रहा,
दे ना सका जो कोई मुझे,
तू वो दे रहा है,
क्यूँ रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है।।
क्यों रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है,
बन के पिता जब ये बैठा,
तू क्यूँ रो रहा है,
क्यूँ रो रहा है,
तू क्यूँ रो रहा है।।
स्वर – रेशमी जी शर्मा।