कुण तो लाया तुम्बडा,
दोहा – सत संगत आदी घड़ी,
ओर आदी मे पुनिआध,
तुलसी संगत संत री,
कटे कोट अपराध।
कुण तो लाया तुम्बडा,
कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।।
अरे शिवजी तो लाया तुम्बडा,
पार्वता नागर बेल,
गोरख जी लाया रे संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
किन ने दोला तुम्बडा,
किन ने नागर बेल,
किन ने दोला रे संतों री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
शिवजी ने दोला तुम्बडा,
पार्वता ने नागर बेल,
गोरखजी ने दोला संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे कटे बवाडु तुम्बडा,
कटे रे नागर बेल,
कटोडे बवाडु संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे बागे बवाडु तुम्बडा,
बगीचा मे नागर बेल,
भजना मे बावु संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे किन ती सीचु तुम्बडा,
भई किन ती नागर बेल,
किन ती सीचु रे संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे घी सु सीचु तुम्बडा,
दूदा सु नागर बेल,
शब्दों ती सीचावु संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे सुखन लागा तुम्बडा,
कलमीजे नागर बेल,
उपन तो काडे संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
अरे राजा भरतरी विनती,
सुनो सब चीत लाय,
अमर वेजो रे संतो री अमर बेल,
कुन तो लाया तुम्बडा,
कुन तो नागर बेल।।
कुण तो लाया तुम्बडा,
कुण तो नागर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल,
कुण तो लाया रे संतो री अमर बेल।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
nice bhajan