कोए दे स बोल मन्नै री जब आधी रात ढले काली

कोए दे स बोल मन्नै री,
जब आधी रात ढले काली।।



मेरे ना की घाल घालदी,

अंबर में आग बालदी,
तेरा ले क नाम चालती,
या क्युकर ढली ढले काली,
कोई दे स बोल मन्नै री,
जब आधी रात ढले काली।।



एक बलः गगन में हांडी,

सेवड़े ने चिती मांडी,
महारः खड़ी बगड़ में जांडी,
उकी फुंगल आप जले काली,
कोई दे स बोल मन्नै री,
जब आधी रात ढले काली।।



मन्नै ढाई घड़ी सं टाली,

इब आगे तुहे रूखाली,
दया करीयो खपर आली,
या दुनिया हाथ मले काली,
कोई दे स बोल मन्नै री,
जब आधी रात ढले काली।।



अशोक भक्त में खेली,

तन्नै दया राज की ले ली,
या रामभजन की चैली,
तेरा लावण भोग चले काली,
कोई दे स बोल मन्नै री,
जब आधी रात ढले काली।।



कोए दे स बोल मन्नै री,

जब आधी रात ढले काली।।

गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
राकेश कुमार जी।
खरक जाटान (रोहतक)
9992976579


Previous articleगाती रहूं भजनों को सांवरे यूँ ही लिखवाना तू हर बार सांवरे
Next articleम्हारा मन में बस गयो श्याम रुणिजा नगरी को
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here