कोई पिछले जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
मुझे वो आली दरबार मिला,
कोईं पिछलें जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला।।
जग के झूठे नाते देखे,
देखा ना सच्चा प्यार कही,
जहाँ दिल को आकर चैन मिले,
है वो आली दरबार यही,
सतगुरु मुझको मिल गया ऐसा,
कोई हुआ ना होगा इस जैसा,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
मुझे वो आली दरबार मिला,
कोईं पिछलें जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला।।
कोई और हमें अब क्या देगा,
इस दर से जो मैंने जो पाया है,
जिसको तरसे जन्नत सारी,
मेरे सिर पर तो वो साया है,
रब रूप धार के आया है,
उनमे रब का दीदार मिला,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
मुझे वो आली दरबार मिला,
कोईं पिछलें जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला।।
श्रद्धा से जो तेरे दर बैठे,
उसने ही सबकुछ पाया है,
धन दौलत चरणों की दासी,
संसार भी फीकी माया है,
इनसे तो इनको ही मांगो,
ये मिले तो सब संसार मिला,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
मुझे वो आली दरबार मिला,
कोईं पिछलें जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला।।
कोई पिछले जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
जहाँ सारी दुनिया झुकती है,
मुझे वो आली दरबार मिला,
कोईं पिछलें जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।