कोई मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे,
मन थारो धोखो आवे रे।।
मन रे मते,
राजा रावण चालियो,
सीता ने हर लायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
एक पलक में,
लंका जलाई,
राज विभीषण पायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कोईं मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे।।
मन रे मते,
हिरणाकुश चालियो,
रामजी रो नाम छुड़ायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
खम्भ फाड़,
हिरणाकुश मारियो,
नरसिंह रुप बणायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कोईं मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे।।
मन रे मते,
दुर्योधन चालियो,
द्रोपदी चीर खिंचायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
भरी सभा में,
लज्जा राखी,
द्रोपदी चीर बढ़ायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कोईं मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे।।
मन रे मते,
शिशुपालो चालियो,
रुकमणी रो ब्याह रचायो रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
भरी सभा में,
नाक कटाई,
जरा शर्म नहीं आई रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कोईं मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे।।
रामानन्द गुरु,
मिलिया पुरा,
कह कह कर समझावे रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कहत कबीर,
सुणो रे भाई साधो,
क्यूँ नहीं माने मारी रे,
मन थारो धोखो आवे रे,
कोईं मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे।।
कोई मत चालो,
इण मनड़े रे लारे,
चौरासी भुगतावे रे,
मन थारो धोखो आवे रे।।
Singer – Shri Ramprasad Ji Maharaj
Upload By – Keshav