कोई माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है,
जरा सी भी तुझमें,
नफरत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
निगाहों ने देखे है,
चेहरे हजारो,
कोईं माँ तेरे जैसी,
सूरत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
तुझे दर्द देते है,
कुछ तेरे बेटे,
मगर तुझको उनसे,
शिकायत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
मेरी माँ तेरा हक़,
अदा कर सके जो,
किसी में भी इतनी,
ताकत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
जिसे माँ ने सिने से,
अपने लगाया,
ज़माने की उसको,
जरुरत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
तेरे सामने क्या,
दुनिया ये दौलत,
ज़माने में तुझ जैसी,
नेमत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
‘अनीस’ उसको रब से,
सदा गम मिलेंगे,
जिसे अपनी माँ से,
मोहब्बत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
कोई माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है,
जरा सी भी तुझमें,
नफरत नहीं है,
कोईं माँ तेरे जैसी,
दौलत नहीं है।।
Singer – Shakeel Ashfaq