कितना विष पी डाला भोले भाले सरकार भजन लिरिक्स

कितना विष पी डाला,
भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।

तर्ज – सावन का महिना।



भूल गया क्या तेरा,

रुतबा है न्यारा,
देवों में सबसे ऊपर,
नाम तुम्हारा,
मांग तेरे भक्तो से,
कोई अच्छा सा उपहार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।
कितना विष पि डाला,
भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।



मीलो तू बाबा हमको,

पैदल चलाए,
छोटी सी लुटिया में,
जल भरवाए,
पाँव में कंकड़ कांटे,
चुभ जाते कई हजार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।
कितना विष पि डाला,
भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।



सावन है तेरा बरसे,

दिन रात पानी,
फिर क्या कमी है तुमको,
जल की ओ दानी,
हमको भी ऐ बाबा,
बतलाओ ना एक बार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।
कितना विष पि डाला,
भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।



‘सोनू’ कहे की गंगा,

जल के बहाने,
पास बुलाता अपने,
प्यार लुटाने,
पतितो को कर देती,
पावन गंगा की धार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।
कितना विष पि डाला,
भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।



कितना विष पी डाला,

भोले भाले सरकार,
शीश पे गंगा फिर भी,
तू मांगे जल की धार।।

Singer – Anil Lata Ji


Previous articleक्या भरोसा हैं इस जिंदगी का चेतावनी भजन लिरिक्स
Next articleतेरे आया क्यूं ये आया नैनों में नीर ये आया
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here