कितना सोणा तुम्हे,
भक्तों ने सजाया,
ओ कितना प्यारा ये,
दरबार लगाया,
जी करे देखती रहूं।।
तर्ज – कितना प्यारा तुझे।
बाबा तेरे भक्तों ने,
कैसा ये कमाल किया है,
श्याम सलोने बाबा को,
दूल्हा सा सजा दिया है,
कितना सोणा तुम्हें,
भक्तों ने सजाया,
ओ कितना प्यारा ये,
दरबार लगाया,
जी करे देखती रहूं।।
खाटू से आया है,
बाबा ये मेरा,
होगा क्या दुनिया में,
देव भला ऐसा,
भक्तों के भाव में जो,
लीन ये हो जाए,
खाटू से मेरा बाबा,
लीले चढ़के आ जाए,
मेरा बाबा कितना सच्चा,
कितना प्यारा हो कितना अच्छा,
भक्तों की भी कतार लगी है,
सारे तेरे दीवाने,
श्याम नाम की रट है लगाते,
गाते श्याम तराने,
कितना सोणा तुम्हें,
भक्तों ने सजाया,
ओ कितना प्यारा ये,
दरबार लगाया,
जी करे देखती रहूं।।
भाव से जो बाबा के,
शरण में आया है,
बाबा ने उन भक्तों का,
अवगुण भी मिटाया है,
सच्चे प्रेम से श्रद्धा से जो,
इन्हे रिझाता है,
फिर ये बाबा विपदा से,
पहले आ जाता है,
जितनी सच्ची है ये गाथा,
उससे सच्चा मेरा बाबा,
‘नेहा’ ने ये मान लिया के,
तुम हो दीन दयालु,
तुम्हे मनाते तुम्हे रिझाते,
सारे मिलकर गाते,
कितना सोणा तुम्हें,
भक्तों ने सजाया,
ओ कितना प्यारा ये,
दरबार लगाया,
जी करे देखती रहूं।।
कितना सोणा तुम्हे,
भक्तों ने सजाया,
ओ कितना प्यारा ये,
दरबार लगाया,
जी करे देखती रहूं।।
Singer & Writer – Neha Garg