किसने सजाया तुमको,
इतना श्रृंगार करके,
मैं लूट गई कन्हैया,
दीदार यार करके,
किसने सजाया तूमको,
इतना श्रृंगार करके।।
तर्ज – आए हो मेरी जिंदगी।
हर फूल की कली है,
रंगत भी मन चली है,
गजरे की मस्त खुशबू,
लगती बड़ी भली है,
पहना दिया है सारे,
गुलशन को हार करके,
मैं लूट गई कन्हैया,
दीदार यार करके,
किसने सजाया तूमको,
इतना श्रृंगार करके।।
क्या मुकुट की लटक है,
मन मोहिनी मटक है,
मुस्कान तेरी ज़ालिम,
दिल में गई अटक है,
नज़रो का तीर निकले,
जिगर को पार करके,
मैं लूट गई कन्हैया,
दीदार यार करके,
किसने सजाया तूमको,
इतना श्रृंगार करके।।
कुछ पल निगाह अटकी,
हटती नहीं हमारी,
मदहोश कर दिया है,
सुध खो गई बिहारी,
रखना कदम कदम पे,
मुझको संभाल करके,
मैं लूट गई कन्हैया,
दीदार यार करके,
किसने सजाया तूमको,
इतना श्रृंगार करके।।
किसने सजाया तुमको,
इतना श्रृंगार करके,
मैं लूट गई कन्हैया,
दीदार यार करके,
किसने सजाया तूमको,
इतना श्रृंगार करके।।
Singer : Lata & Poonam