खुल्ला खुल्ला केश मां की सूरत लुभावनी भजन लिरिक्स

खुल्ला खुल्ला केश,
मां की सूरत लुभावनी,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



ग्यारहवीं सदी के माइ,

देपा चारण के घर में,
कन्या जन्मी सात,
ज्यांकि सूरत लुभावनी,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



सबसे बड़ी बिजासन माता,

इंदरगढ़ पूजवाई सा,
दूजी कन्या रामगढ़ में,
बैठी रामा बाई सा,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



तीजी कन्या लाल बाई,

डूंगरगढ़ पूजवाई सा,
बरवाडा की चौथ भवानी,
चौथी बहन बताई सा,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



धाम करोली कैला देवी,

पंचम बहन बताई सा,
मारवाड़ रा देश नोक में,
बैठी करणी बाई सा,
करणी संग गुलाब बाई,
देशनोक में पूजवाई,
सांतो बहन कुवारी ज्यांकि,
जग में जोत सवाई सा,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



देश धर्म हित सातो कन्या,

जन्मी राजस्थान में,
लखन भारती मां माया की,
झांकी छे सुहावनी,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।



खुल्ला खुल्ला केश,

मां की सूरत लुभावनी,
भक्ता घर आजाजो,
ये मेरी सातो बहना पावणी।।

प्रेषक – कपिल टेलर।
गांव लीडी 9509597293


Previous articleकृष्ण थे दगो कियो मासु जोर काइ करा नाथ थासू लिरिक्स
Next articleम्हारे घर को मालिक तू है कोई फिकर नहीं म्हाने भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here