खुला हुआ है खुला रहेगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार,
देर ना करो ना करो इंतजार,
सांवरे के चरणों से,
कर ले तू प्यार,
खुला हुआ है खुला रहेंगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार।।
नहीं बाबा सा कोई दाता,
नहीं बाबा सा कोई दानी,
हारे का साथ निभाता,
नहीं इसका कोई सानी,
युगों युगों तक अमर रहेगी,
इनकी अमिट कहानी,
खुला हुआ है खुला रहेंगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार।।
कोई तुझको लाख सताए,
कोई लाख करे मनमानी,
तू छोड़ दे सब बाबा पर,
फिर देख समय की रवानी,
मंजिल खुद चलकर आएगी,
जिस दिन इसने ठानी,
खुला हुआ है खुला रहेंगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार।।
‘संजू’ इतिहास गवाह है,
अभिमान यहाँ नहीं चलता,
जो शरणागत हो जाए,
उसको ही किनारा मिलता,
खुद का मान भले टल जाए,
भक्त का मान ना टलता,
खुला हुआ है खुला रहेंगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार।।
खुला हुआ है खुला रहेगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार,
देर ना करो ना करो इंतजार,
सांवरे के चरणों से,
कर ले तू प्यार,
खुला हुआ है खुला रहेंगा,
खाटू वाले का द्वार,
मेरे बाबा का द्वार।।
स्वर – संजू शर्मा जी।