खाटू वाले श्याम धणी,
मने चस्का एक तेरी यारी दा,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
मैं सीधा साधा जाट सु बाबा,
तने मिलन ने आया सु,
ना माँगन ता हि आया बाबा,
दर्शन खातिर आया सु,
तू बिन बोले ही देदे है,
सुण राख्या है दिल दारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
मेरे खेत में तेरी रेत में,
कोई घणा फरक न हो रा से,
मेरा खेत तेरा रेत दोनों बाबा,
हरा भरा ही हो रहा से,
ना कर्जा करना मने कमाना,
इज्जतदारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
तेरे खातर थोड़ी मिठाई बाबा,
घर ते लेकर आया सु,
घर का बेसन और देसी घी,
मिलवाकर लाया सु,
भोग लगा ले सांवरिया,
मने मजा सा आ जाये यारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
तेरे दर्शन करके यूँ लागया,
जैसे गंगा जी में नहा लया जी,
‘मित्तल’ के संग जाके बाबा,
हारे हारे गा लिया जी,
के करना मैं इब बाबा,
इस झूठी दुनियादारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
खाटू वाले श्याम धणी,
मने चस्का एक तेरी यारी दा,
ना ते मने चेतक चाहिए जी,
ना ही चस्का लाल फर्रारी दा।।
Singer & Lyrics – Kanhiya Mittal Ji
Sent By – Sandeep Agrawal
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