खाटू वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
हर गम हो रहा है,
ख़तम चुपके चुपके।।
तर्ज – दो दिल मिल रहे है।
मैंने ऐसा सोचा नहीं था,
जाऊँगा मैं खाटू कभी,
श्याम के हाथों में होगी,
मेरी सारी ही ज़िन्दगी,
मैं तो खाटू, यूँ ही था गया,
जादू श्याम का, ऐसा हो गया,
खुद ही बढ़ रहे अब,
कदम चुपके चुपके,
बाबा कर रहे है,
खाटु वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
हर गम हो रहा है,
ख़तम चुपके चुपके।।
देखा जब श्याम को मैंने,
श्याम का मैं हो गया,
श्याम के रूप में मैं तो,
इस तरह से खो गया,
बेचैन दिल को, चैन मिला,
एक पल में यूँ, मुझको लगा,
सारे भर रहे हैं,
जखम चुपके चुपके,
बाबा कर रहे है,
खाटु वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
हर गम हो रहा है,
ख़तम चुपके चुपके।।
मुझे नहीं कोई फिकर अब,
नही किसी बात का डर,
मेरा सांवरा बन गया है,
अब तो मेरा हमसफ़र,
दिल ने मेरे, मुझसे कहा,
‘शर्मा’ ये है, मेरा फैसला,
खाटू में बिताऊं,
जनम चुपके चुपके
बाबा कर रहे है,
खाटु वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
हर ग़म हो रहा है,
ख़तम चुपके चुपके।।
बाबा कर रहे है,
खाटू वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
हर गम हो रहा है,
ख़तम चुपके चुपके।।
Singer – Abir Agarwal