खाटू में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटू में घर बनवाओ सांवरे,
बस इतना सा कहना पुगाओ सांवरे,
बस इतना सा कहना पुगाओ सांवरे,
खाटु में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटु में घर बनवाओ सांवरे।।
तर्ज – पलकों का घर तैयार सांवरे।
कोठी बंगला ना चाहूँ मैं,
चाहूँ छोटा सा घर,
शाम सवेरे दर्शन को मैं,
आऊ तेरे दर पर,
दर्शन जी भर करूँ,
तुम कराओ सांवरे,
खाटु में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटु में घर बनवाओ सांवरे।।
घर की हर एक इन्ट पे बाबा,
नाम लिखा हो तेरा,
खिड़की से जब बाहर देखूं,
सामने मंदिर तेरा,
फिर नैनो से नैना,
मिलाओ सांवरे,
खाटु में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटु में घर बनवाओ सांवरे।।
घर में चाहूँ दो ही कमरे,
एक तेरा एक मेरा,
‘अंजू शर्मा’ भजन सुनाऊं,
सपना है ये मेरा,
‘काली शर्मा’ को अब तो,
बुलालो सांवरे,
खाटु में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटु में घर बनवाओ सांवरे।।
खाटू में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटू में घर बनवाओ सांवरे,
बस इतना सा कहना पुगाओ सांवरे,
बस इतना सा कहना पुगाओ सांवरे,
खाटु में घर बनवाओ सांवरे,
मेरा खाटु में घर बनवाओ सांवरे।।
स्वर – अंजू शर्मा।