काया रूपी चुनड़ी में रंग चढ़ ग्यो मुरली वालों सांवरो

काया रूपी चुनड़ी में,
रंग चढ़ ग्यो।

दोहा – मुरली वाले सांवरा,
तेरी मुरली नेक बजाई,
इण मुरली में मारो मन बसो,
कान्हा एकर और बजाए।

काया रूपी चुनड़ी मे,
रंग चढ़ ग्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



काया रूपी चुनड़ी में,

खाटू में रंगाऊली,
ओढ के चुनड़ी मे,
श्याम आगे जाऊंला,
ओर रंग ओढू कोनी,
हियो नटग्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



बाजरे की रोटी साग,

फलया को बंनाऊला,
बैठ के आंगणिये मेरे,
श्याम ने जीमाऊला,
धाबलियो ओले,
खिचड़ो चट करग्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



चांदणी बारस की,

जोत जगाऊंली,
बैठ के आगणिये,
मेरे श्याम ने रिझाऊली,
घीरत बाती की,
ज्योत करलो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



केशरियो निशान लेके,

खाटू मे आऊला,
तन मन धन मै,
सब ही लुटाऊला,
साचो तो सेठ धणी,
श्याम मिलग्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



रामदास जी बाबा,

आपरा पुजारी है,
बालाजी री भग्त मण्डली,
गावे महिमा थारी है,
श्यामजी रो नाम,
दिन रात रटल्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।



काया रूपी चुनड़ी मे,

रंग चढ़ ग्यो,
मुरली वालों सांवरो,
मारे मन बसग्यो।।

प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा
9024909170


Previous articleहे दीनबंधु दयालु कहाँ हो भजन लिरिक्स
Next articleमेरी सुरता सुहागण नार पिये ने किया भूल गई लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here