कावड़िया ले चल गंग की धार भजन लिरिक्स

कावड़िया ले चल गंग की धार,

दोहा – भस्म रमाए बैठे है शंकर,
सज धज के दरबार,
कावड़िया ले आओ कावड़,
राह तके सरकार।



कावड़िया ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,
करके अनोखा श्रृंगार,
कावड़ियां ले चल गंग की धार।।

तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।



अंग भभुति रमाए हुए है,

माथे चंद्र सजाए हुए है,
भंग तरंग में रहने वाले,
मस्त मलंग वो रहने वाले,
मेरे महांकल सरकार,
कावड़ियां ले चल गंग की धार।।



शंभू तेरे दर आए है,

कावड़िया कावड़ लाए है,
जपते हर हर बम बम भोले,
झूम झूम मस्ती में डोले,
करते जय जय कार,
कावड़ियां ले चल गंग की धार।।



कावड़ियां ले चल गंग की धार,

जहाँ बिराजे भोले दानी,
करके अनोखा श्रृंगार,
कावड़ियां ले चल गंग की धार।।

Singer – Shubham Sen


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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