करो कृपा कुछ ऐसी तेरे दर आता रहूँ भजन लिरिक्स

करो कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ,
तुम रूठो मुझसे भले चाहे,
पर मैं मनाता रहूं,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।

तर्ज – तेरी गलियों का हूँ आशिक।



जहान में कौन,

मेरे दुःख को समझ पाएगा,
जहान में कौन,
मेरे दुःख को समझ पाएगा,
तू ही हमदर्द है मेरा,
तुझे सुनाता रहूं,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।



तेरी चौखट से,

उठ के दूर कहीं जाऊं ना,
तेरी चौखट से,
उठ के दूर कहीं जाऊं ना,
तमाम उम्र तेरे साथ,
मैं बिताता रहूं,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।



मेरा अरमान है इतना,

जो तू पूरा कर दे,
मेरा अरमान है इतना,
जो तू पूरा कर दे,
बैठा मेरे सामने हो तू,
और मैं सजाता रहूं,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।



‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,

को मत पूछो,
‘चित्र विचित्र’ की दीवानगी,
को मत पूछो,
अपनी हस्ती को बनके पागल,
मैं मिटाता रहूं,
Bhajan Diary Lyrics,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।



करो कृपा कुछ ऐसी,

तेरे दर आता रहूँ,
तुम रूठो मुझसे भले चाहे,
पर मैं मनाता रहूं,
करों कृपा कुछ ऐसी,
तेरे दर आता रहूँ।।

स्वर – बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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