करे भगत हो आरती माई दोई बिरियाँ आरती लिरिक्स

करे भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।
श्लोक – सदा भवानी दाहिनी,
सनमुख रहे गणेश,
पाँच देव रक्षा करे,
ब्रम्हा विष्णु महेश।



करे भगत हो आरती,

माई दोई बिरियाँ।।



सोने का लोटा गंगाजल पानी,

माई दोई बिरियाँ,
अतर चढ़े दो दो सिसिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।



लाये लदन वन से फुलवारी,

माई दोई बिरियाँ,
हार बनाये चुन चुन कलिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।



पान सुपारी मैया ध्वजा नारियल,

दोई बिरियाँ,
धुप कपूर चढ़े चुनिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।



लाल वरण सिंगार करे,

माई दोई बिरियाँ,
मेवा खीर सजी थरिया,
माई दोई बिरियाँ,
करें भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।



पांच भगत मिल जस तोरे गावे,

माई दोई बिरियाँ,
काटो विपत की भई जरिया,
माई दोई बिरियाँ,
करे भगत हो आरती,
माई दोई बिरियाँ।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

11 COMMENTS

  1. Hame ye bhajan bahot accha laga lekin aapne last paragraph mein ek sentence miss kiya hai.
    काटो विपत की भई जरिया Ye line se pehle dusra kuch hai, vo aap correct kardoge please. Thank you

  2. Hame yaha bhajan bahut hi accha laga or is bhajan ko hame bhi gane me bilkul bhi pareshani nahi aati thanks

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