कर दो साईं हम पर रहमों करम,
तेरा नाम भूले ना,
तेरा नाम भूले ना,
जन्मों जनम,
करदो सांई हम पर रहमो करम।।
तर्ज – बहुत प्यार करते है।
शिरडी में है बाबा धाम तुम्हारा,
लगता है हमको स्वर्ग से प्यारा,
शिरडी में आयेगे हम,
शिरडी में आयेगे हम,
जब तक है दम,
करदो सांई हम पर रहमो करम।।
सबका है मालिक सांई बाबा हमारा,
सांई नाम से ही चलता मेरा गुजारा,
जीवन मे खुशिया आई,
जीवन मे खुशिया आई,
मिटे सारे गम,
करदो सांई हम पर रहमो करम।।
कैसे करूँ में बाबा तेरा शुक्रराना,
‘दिलबर’ दिया जो तूने ये नजराना,
‘वैष्णवी’ को प्यार तुम्हारा,
‘वैष्णवी’ को प्यार तुम्हारा,
मिले हर दम,
करदो सांई हम पर रहमो करम।।
कर दो साईं हम पर रहमों करम,
तेरा नाम भूले ना,
तेरा नाम भूले ना,
जन्मों जनम,
करदो सांई हम पर रहमो करम।।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
9907023365