कपि रामदूत कहलाए जब लंका जलाने आए भजन लिरिक्स

कपि रामदूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।

तर्ज – मनिहारी का भेष बनाया।



कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर,

कभी इस डाल पर कभी उस डाल पर,
सारे फल फूल तोड़ गिराए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।



बोला लंकेश्वर है बड़ा ये निडर,

बोला लंकेश्वर है बड़ा ये निडर,
अपनी भक्ति की शक्ति दिखाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।



जब वो पकडे गए धर के जकड़े गए,

जब वो पकडे गए धर के जकड़े गए,
पूँछ अपनी वो इतनी बढ़ाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।



आग बढ़ने लगी लंका जलने लगी,

आग बढ़ने लगी लंका जलने लगी,
हर तरफ हाहाकार मचाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।



जब वो शंकर सुवन किए लंका दहन,

जब वो शंकर सुवन किए लंका दहन,
इक विभीषण की कुटिया जलाए,
जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।



कपि रामदूत कहलाए,

जब लंका जलाने आए,
कपि राम दूत कहलाए,
जब लंका जलाने आए।।

Singer : Vipin Sachdeva & Hariharan


Previous articleमहावीर बनके रणधीर बनके चले आना बजरंगी चले आना
Next articleआई मैं तोरे अंगना माँ भवानी भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here