कंकर कंकर बना है शंकर माँ तेरे प्रताप से नर्मदा भजन लिरिक्स

कंकर कंकर बना है शंकर,
माँ तेरे प्रताप से,
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए,
जीवन के हर ताप से,
हर हर नर्मदे हर,
हर हर नर्मदे हर।।



कल कल करके बहती,

जाए मां रेवा,
संत मुनि सब करते,
मां तेरी सेवा,
छाती तोड़ पर्वतों की तू,
बहती जाए चाव से,
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए,
जीवन के हर ताप से,
हर हर नर्मदे हर,
हर हर नर्मदे हर।।



कोई समझ न पाए,

तेरी गति न्यारी,
बूंद बूंद से सींचे,
जीवन की क्यारी,
संग तुझे न भाए किसी का,
बहती जाए चाव से,
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए,
जीवन के हर ताप से,
हर हर नर्मदे हर,
हर हर नर्मदे हर।।



चली अमरकंटक से,

तेरी अमर कहानी,
अमृत बन के बहता,
मां तेरा पानी,
पाप सभी मिट जाते हैं,
मां रेवा तेरे नाम से,
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए,
जीवन के हर ताप से,
हर हर नर्मदे हर,
हर हर नर्मदे हर।।



कंकर कंकर बना है शंकर,

माँ तेरे प्रताप से,
दरस तेरा भक्तों को छुड़ाए,
जीवन के हर ताप से,
हर हर नर्मदे हर,
हर हर नर्मदे हर।।

रचनाकार एवम् गायक – मनोज कुमार खरे।


Previous articleनारायणी शरणम माता भजन लिरिक्स
Next articleचाहे तार दे हरि चाहे मार दे हरि भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here