काना मार गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
भर पिचकारी मारी मोरे तन पे,
प्रेम की जोत जगी मोरे मन में,
रंग डार गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
हाथ पकड़ मोरी बहिया मरोड़ी,
मैं बोली तो मोरी मटकी फोड़ी,
जादू डार गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
घूंघट उठाके जरा देख ले गौरी,
मैं मथुरा की नाजुक छोरी,
हिये डार गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
रामनिवास की आ है अर्जी,
बात है सच ना है फर्जी,
भव सु पर गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
काना मार गयी रे,
तेरी तिरछी नजर।।
गायक – श्यामनिवास पाली।
9983121148