कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में मनीष तिवारी भजन लिरिक्स

कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में,
रे कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में,
कालिया नाग खदेड़ियायो,
आ रा रा रा रा।।


आ रा रा रा रा,
कान्हा नित है चुरावे माखन,
कन्हैया नित ही चुरावे माखन,
मटकी फ़ोड के घर भाग्यो,
आ रा रा रा रा।।


आ रा रा रा रा,
रे मामा कंस खड्यो गुर्रावे,
मामा कंस खड्यो गुर्रावे,
कन्हैया वध कर डारो रे,
आ रा रा रा रा।।


आ रा रा रा रा,
कान्हा जब जब मुरली बजावे,
कन्हैया जब जब मुरली बजावे,
राधा रास रचावे रे,
आ रा रा रा रा।।


आ रा रा रा रा,
रे कान्हा झूला झूले रे मधुबन में,
कान्हा झूला झूले रे मधुबन में,
सखिया झूलो झुलावे रे,
आ रा रा रा रा।।


आ रा रा रा रा,
रे जो भी गावे राधे कृष्णा,
जो भी गावे राधे कृष्णा,
वो तो भव तर जावे रे,
आ रा रा रा रा।।


कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में,
रे कान्हा कूद पढ्यो रे जमुना में,
कालिया नाग खदेड़ियायो,
आ रा रा रा रा।।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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