कलयुग रा अवतार,
माता मैणादे रा लाल,
रणुजे वाला आया जी में थारोडे दरबार,
रणुजे वाला आया जी में थारोडे दरबार।।
मास भादवे मेलो लागे,
नगर रणुजे माय,
अजमलजी रा लाला,
आया जी में थारोडे दरबार,
रणुजे वाला आया जी में थारोडे दरबार।।
दूर दूर सु आवे यात्री,
बालक ने नर नार,
सुगना रो वीरो राखे जी कोई,
हरी भक्ता री लाज
सुगना रो वीरो राखे जी कोई,
हरी भक्ता री लाज।।
इन कलयुग में एक आसरो,
रणुजे रा श्याम,
में थारे द्वार आया जी,
थी राखो मारी लाज,
में थारे द्वार आया थी राखो मारी लाज।।
उडुकाश्मीर आप जन्मिया ,
धोरा धरती माय,
विष्णु अवतारी आया जी,
कोई भक्तारे हितकार
विष्णु अवतारी आया जी,
कोई भक्तारे हितकार।।
लीले घोड़े आप विराजो,
भालो सोवे हाथ,
अजमलजी रो लालो आयो जी,
कोई धोरा धरती माये,
अजमलजी रो लालो आयो जी,
कोई धोरा धरती माये।।
रामा केवु के रामदेवजी,
हीरा केवु के लाल,
रणुजे वाला मिलगया जानी
पल में कीदा न्याल
रणुजे वाला मिलगया जानी,
पल में कीदा न्याल।।
हालो हरजी देवरेजी,
मिलसी रामा पीर,
दुखिया ने सुखिया करता,
कोई करे साजा शरीर,
कोई श्याम पालीवाल गावे,
बाबा साजा करे शरीर।।
कलयुग रा अवतार,
माता मैणादे रा लाल,
रणुजे वाला आया जी में थारोडे दरबार,
रणुजे वाला आया जी में थारोडे दरबार।।
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244