कलयुग में गाया री पुकार,
दोहा – ब्रह्म जगत में एक है,
चांद सूरज है दोई,
पाप जगत में हस रहा,
धर्म रहा है रोए।
कलयुग में गाया री पुकार,
सुनो मारा सांवरिया अरदास,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
ग्वालों बनी ने लारा,
चालतो रे मोरे श्याम,
हो छोड़ी दुख की घड़ियां आज,
माने भूलियो कृष्ण मुरार,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
बेरी ले जावे कटनी,
माईने हो म्हारा श्याम,
ओ होगयो खुना रो खेकार,
कान्हा करदो थेतो सहाय,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
अरे टोला फिरे हो रोड़ा,
उपरे हो मारा श्याम,
ओ खावे थेलिया दिन-रात,
हो गयो गणों बुरा हाल,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
आनो वेतो आवो मोहन,
काई केवाओ बारंबार,
हो कान्हा बिगड़े थारी बात,
मारी राखों नंदलाल,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
कलयुग मे गाया री पुकार,
सुनो मारा सांवरिया अरदास,
दुखी गाया री सुन लो,
विनती हो म्हारा श्याम।।
गायक – राजेश गोस्वामी।
93216 28004
रोजड़ा, चित्तौड़गढ़ (राज.)