कलयुग में इक बार कन्हैया गौमाता भजन लिरिक्स

कलयुग में इक बार कन्हैया,
ग्वाले बन कर आओ रे।

श्लोक – सत्य धर्म का नाश हो रहा,
जार जार रोती है धरा,
कलयुग का आतंक भयानक,
आके मोहन देख जरा,
आके मोहन देख जरा।

कलयुग में इक बार कन्हैया,
ग्वाले बन कर आओ रे,
आज पुकार करे तेरी गैया,
आके कंठ लगाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।



जिनको मैंने दूध पिलाया,

वो ही मुझे सताते है,
चिर फाड़ कर मेरे बेटे,
मेरा ही मांस बिकाते है,
अपनों के अभिशाप से मुझको,
आके आज बचाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।



चाबुक से जब पिटी जाऊँ,

सहन नहीं कर पाती मैं,
उबला पानी तन पे फेके,
हाय हाय चिल्लाती मैं,
बिना काल मैं तिल तिल मरती,
करुणा जरा दिखाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।



काहे हमको मूक बनाया,

घुट घुट कर यूँ मरने को,
उस पर हाथ दिए ना तूने,
अपनी रक्षा करने को,
भटक गयी संतान हमारी,
रस्ता आन दिखाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।



एक तरफ तो बछड़े मेरे,

अन्न धन को उपजाते है,
उसी अन्न को खाने वाले,
मेरा वध करवाते है,
‘हर्ष’ जरा तुम माँ के वध पे,
आके रोक लगाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।



कलयुग में इक बार कन्हैया,

ग्वाले बन कर आओ रे,
आज पुकार करे तेरी गैया,
आके कंठ लगाओ रे,
कलयुग मे इक बार कन्हैया
ग्वाले बन कर आओ रे।।

Singer : Raju Mehra


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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