कलयुग में अवतार आवरा,
बाई केसर नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
बाई केसर नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
आशा जी कुल माई प्रगटी,
आवरा रे ए जी ओ जी।।
१३३१ के संवत,
मचीयो रण संग्राम,
धरा मेवाड़ के माई,
मचीयो रण संग्राम,
धरा मेवाड़ के माई,
इन्दुपत राणा,
गढ चितौड़ मे रे ए जी ओ जी,
फौज धारने फौज झुजीया,
रायपाल राठौड़,
धरा मेवाड़ के माई,
रायपाल राठौड़,
धरा मेवाड़ के माई,
सिसोदिया सरदारा के,
मन भावीया रे ए जी ओ जी।।
रायपाल घर कंवर लाडला,
आशा अंगद नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
आशा अंगद नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
रणबंका राठौड़,
कंवर दोई लाडला रे ए जी ओ जी,
रायपाल झगड़ा के माई,
पहुँच गया स्वरधाम,
धरा मेवाड़ के माई,
कोई पहुंच गया स्वर्ग धाम,
धरा मेवाड़ के माई,
पथ मेवाडी आन बान ने,
छोडीया रे ए जी ओ जी।।
बारह गाँव जागीर बक्षदी,
सिसोदिया दरबार,
धरा मेवाड़ के माई,
कोई सिसोदिया दरबार,
धरा मेवाड़ के माई,
आशा ओर अंगद जी आया,
आवरा रे ए जी ओ जी,
आशा जी घर नार,
श्रीमती भूर कंवर है नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
भूर कंवर है नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
कुलदेवी ओर भान,
सदा ही पूजता रे ए जी ओ जी।।
जिन घर जन्मीया पूत,
करन ध्रुव ओर नाहर सिंह,
धरा मेवाड़ के माई,
ध्रुव ओर नाहर सिंह,
धरा मेवाड़ के माई,
मदन चेत भेरू ए,
भरत सिंह लाडला रे ए जी ओ जी,
सात भाया री बहन,
बाईसा केसर बाई नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
केसर बाईसा नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
रूपवान गुणवान,
केसर बाईसा रे ए जी ओ जी।।
धरे सूरज रो ध्यान,
बाईसा सारे घर को काम,
केसर बाई आशा जी रा,
सारे घर को काम,
केसर बाई आशा जी रा,
मात पिता री सेवा माई,
रेवनो रे ए जी ओ जी,
एक समय की बात आशा जी,
मन में करे विचार,
भदेश्वर राज करूँ मै,
मन में करे विचार,
भदेश्वर राज करू मै,
मीणा सु झगडों कर किल्लो,
जीतलु रे ए जी ओ जी।।
कर लिना महमान मीणा ने,
आशा करे मनवार,
बुलाया राज घरा,
आशा करे मनवार,
बुलाया राज घरा,
घोट दारू को भर भर प्याला,
पावीया रे ए जी ओ जी,
मिलीयो अवसर आय,
आशाजी जटके लि तलवार,
मीणा ने मार लिया है,
जटके लि तलवार,
मीणा ने मार लिया है,
छोटा भाई अंगद ने भदेश्वर,
सौपीयो रे ए जी ओ जी।।
१३८५ सागे,
विक्रम संवत जान,
भदेश्वर जीत लिया,
विक्रम संवत जान,
भदेश्वर जीत लिया,
राज करे राठौड़ गढ़ पति,
जानीया रे ए जी ओ जी,
कुछ वर्षों रे बाद,
आशा जी मन में करे विचार,
बाई रो ब्याव करू,
आशा जी मन में करे विचार,
बाई रो ब्याव करू,
सातो ही कंवरा ने भेजीया,
रावले रे ए जी ओ जी।।
सगपन होवे नाही कंवर,
सब मन ही मन घबराय,
आशा सु अरज करे,
मन ही मन घबराय,
आशा सु अरज करे,
भूर कंवर कुलदेवी माँ ने,
पूजीया रे ए जी ओ जी,
पंडित लिया बुलाय,
आशा जी जोडा सु कर रया होम,
देवी मन भावीया,
आशा जी करे जोडा सु होम,
देवी मन भावीया,
बाईसा केसर ने बैठाया,
पास मे रे ए जी ओ जी।।
कलयुग में अवतार आवरा,
बाई केसर नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
बाई केसर नाम,
धरा मेवाड़ के माई,
आशा जी कुल माई प्रगटी,
आवरा रे ए जी ओ जी।।
गायक – महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818