कब से खड़ा हूँ माँ तेरे द्वार भजन लिरिक्स

कब से खड़ा हूँ,
माँ तेरे द्वार,
सुन भी लो मेरे,
मन की पुकार,
तू तो अंतर्यामी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।

तर्ज – आने से उसके।



तेरे द्वारे पे माँ,

हम झोली फेलाए खड़े है,
तेरी महिमा निराली,
ये चर्चे भी हम ने सुने है,
बिगड़ी तू देती बना,
बड़ी दयावानी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।



ऊंचे पर्वतों पे,

माँ लगाया है दरबार तुमने,
पोड़ी पोड़ी चढके,
मैं आया हूँ दिदार करने,
मुखड़ा तो अपना दिखा,
तू करती मैहरबानी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।



श्रृंगार तेरा भवानी,

अपने हाथों से हम तो करेंगे,
गोटेदार चुदर माँ,
सर पर हम तेरे धरेंगे,
माथे की बिंदिया तो,
सुरज के समानी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।



दर पर तेरे सुरेन्द्र,

भजन यूं ही तो करता रहेगा,
ज्योती तेरी माँ अम्बे,
ये यूं ही निहारा करेगा,
बालक को लो अपना,
देवो में आदरणी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।



कब से खड़ा हूँ,

माँ तेरे द्वार,
सुन भी लो मेरे,
मन की पुकार,
तू तो अंतर्यामी है,
मेरी शेरावाली माँ,
जग कल्याणी है,
मेरी शेरावाली माँ।।

गायक / प्रेषक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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