कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा,
कभी गिरते हुए को उठाया नही,
बाद आंसू बहाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैं तो मंदिर गया पूजा आरती की,
पूजा करते हुए खयाल आ गया,
कभी माँ बाप की सेवा की ही नहीं,
सिर्फ पूजा करवाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैं तो सतसंग गया गुरूवाणी सुनी,
गुरू वाणी को सुनकर खयाल आगया,
जन्म मानव का लेकर दया न करी,
फिर मानव कहलाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैंने दान किया मैंने जप तप किया,
दान करते हुए खयाल आगया,
कभी भूखे को भोजन खिलाया नही,
दान लाखो का करने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
गंगा नहाने हरिद्वार काशी गया,
गंगा नहाते ही मन में खयाल आगया,
तन को धोया मगर मन को धोया नही,
फिर गंगा नहाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैने वेद पढ़े मैने शास्त्र पढ़े,
शास्त्र पढते हुए खयाल आगया,
मैने ग्यान किसी को बांटा नही,
फिर ग्यानी कहलाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मात पिता के चरणों में चारो धाम है,
आजा आजा यही मुक्ति का धाम है,
मात पिता की सेवा की ही नहीं,
फिर तिरथो मे जाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा,
कभी गिरते हुए को उठाया नही,
बाद आंसू बहाने से क्या फायदा,
कभी प्यासें को पानी पिलाया नहीं,
बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
स्वर – कुमार विशु भटनागर।।
प्रेषक – मनीष सीरवी
ये भजन मुझे बहुत अच्छा लगा
Nice to bhajan ##
Muze bhot acha lagta hai ye bhajan very nice ? ? motivational bhajan hai aj kal ki generation me bhito ko nhi pasand bhajan bt me sunta hu . Muze interest hai….