कभी मेरे घर भी आओ खाटू श्याम भजन लिरिक्स

कभी मेरे घर भी आओ,
आके सुख दुख की बतलाओ,
कुछ सुन लो और सुनाओ,
बाबा श्याम धणी,
लागि दर्शन की अभिलाषा,
मेरे मन में घणी,
कभी मेरे घर भी आओ।।

तर्ज – ये पर्दा हटा दो।



मात मोरवी के लाला,

ओ दीन दयालु दाता,
मैंने सुना भक्तों के आंसू,
देख नहीं तू पाता,
तेरे होते में रोऊं,
ना जागे और ना सोऊं,
इस जिंदगी ने खो रहे चिंता घणी,
लागि दर्शन की अभिलाषा,
मेरे मन में घणी,
कभी मेरे घर भी आओ।।



इस दुनिया को देख देख,

क्या तू भी रंग बदल ग्या,
खाकर छप्पन भोग तेरा भी,
रंग और ढंग बदल ग्या,
मेरे घर रूखी सूखी पावे,
तू इसीलिए ना आवे,
कभी भूखा ही रह जावे,
खावे सेवा मणि,
लागि दर्शन की अभिलाषा,
मेरे मन में घणी,
कभी मेरे घर भी आओ।।



एक बार तो आकर देखो,

भाव का भोग लगाऊं,
कमी नहीं माखन मिश्री की,
रज रज तुम्हें खिलाऊं,
करूँ ऐसी खातिरदारी,
ना भूलेगा गिरधारी,
‘भावना’ ‘देवेंद्र’ की यारी,
सांवरे रहेगी बनी,
लागि दर्शन की अभिलाषा,
मेरे मन में घणी,
कभी मेरे घर भी आओ।।



कभी मेरे घर भी आओ,

आके सुख दुख की बतलाओ,
कुछ सुन लो और सुनाओ,
बाबा श्याम धणी,
लागि दर्शन की अभिलाषा,
मेरे मन में घणी,
कभी मेरे घर भी आओ।।

गायिका – भावना स्वरांजलि।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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