कभी फुर्सत हो धनवानो से श्याम भजन लिरिक्स

कभी फुर्सत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना,
इस निर्धन की कुटिया में,
एक शाम ओ श्याम बिता जाना,
कभी फुरसत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना।।

तर्ज – बाबुल की दुआएं लेती जा।



मैं निर्धन हूँ मेरे पास प्रभु,

चूरमा मेवा ना मिठाई है,
सोने के सिंहासन है तेरे,
मेरे घर धरती की चटाई है,
यहीं बैठके लखदातार मुझे,
तुम अपनी कथा सूना जाना,
कभी फुरसत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना।।



मुझको भी सुदामा के जैसा,

तुम मित्र समझकर श्याम मेरे,
मेरी आँख से बहते अश्को को,
तुम इत्र समझकर श्याम मेरे,
मेरी कुटिया में आकर मुझसे,
तुम अपने चरण धुलवा जाना,
कभी फुरसत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना।।



बड़ी तेज दुखो की आंधी है,

मन घबराए ओ सांवरिया,
‘संदीप’ की आस के दिप कहीं,
बुझ ना जाए ओ सांवरिया,
हारे के सहारे हो तुम तो,
मुझ को भी धीर बंधा जाना,
कभी फुरसत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना।।



कभी फुर्सत हो धनवानो से,

तो श्याम मेरे घर आ जाना,
इस निर्धन की कुटिया में,
एक शाम ओ श्याम बिता जाना,
कभी फुरसत हो धनवानो से,
तो श्याम मेरे घर आ जाना।।

स्वर – संदीप बंसल जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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