कारा सा कन्हैया मेरा जग में करे कमाल

काली पलके बोहे,
और काले काले बाल,
कारा सा कन्हैया मेरा,
जग में करे कमाल।।

तर्ज – सावन का महीना।



काली काली रतिया कान्हा,

भोर लेके आए,
कजरा ये कारा कारा,
आंखें चमकाए,
कारी है कोयलिया,
करें यह सवाल,
काला सा कन्हेया मेरा,
जग में करे कमाल।।



गोरी गोरी गैया की,

नाक काली काली,
कारी कारी पूछ कान्हा,
लगती निराली,
कारी है ये राते,
और कारे ये सब ग्वाल,
काला सा कन्हेया मेरा,
जग में करे कमाल।।



काला काला नाग बना,

शंकर की माला,
तू क्यों सोचे कान्हा,
मोहन सागर भी काला,
हस हस कर मैया का,
फिर हाल हुआ बेहाल,
काला सा कन्हेया मेरा,
जग में करे कमाल।।



समझ गया मैं मैया,

बात तेरी सारी,
गौरी गौरी राधिका की,
चोटी कारी कारी,
खूब हंसी फिर मैया,
दे हाथो में दे ताल,
काला सा कन्हेया मेरा,
जग में करे कमाल।।



काली पलके बोहे,

और काले काले बाल,
कारा सा कन्हैया मेरा,
जग में करे कमाल।।

गायक / लेखक – मोहन सागर।
7988271405


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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