काल रात ने सपणो आयो,
बाबो हेला मारे,
मंदिर में मेरो मन नहीं लागे,
मनै ले चालो सागै।।
भगत मेरा मनै याद करै,
और खाटू ना आ पावै,
कालजड़ो मेरो भर भर आवै,
कुछ भी नहीं सुहावै।।
भाव भजन थारा चोखा लागै,
याद घणेरी आवै,
लीलो भी मेरो छम छम नाचै,
बिल्कुल ना रूक पावै।।
राख भरोसो बाबो थारो,
था पर जान लुटावै,
बणीं न कोई आफत एसी,
जो थानै भरमावै।।
संजू बोले वनवारी यो,
सपनो सच हो जावे,
म्हारे घरा ले चालु बाबा,
थाने म्हारे सागे।।
काल रात ने सपणो आयो,
बाबो हेला मारे,
मंदिर में मेरो मन नहीं लागे,
मनै ले चालो सागै।।
स्वर – संजू शर्मा जी।
ये भजन अचो है।
Jai shree shyam
Khatu naresh ki jai
Jai shree Shyam… Bolo lakhdatar ki jai?