जो थारो मनवो कियो नही मोने,
जो थारो जीवडो कियो नही मोने,
दोष गुरु ने मत दीजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
पेला रे दिल अपणो हॉजो,
पसे पोबड़ो दिजे,
कर सरदा सत गुरु जी रे सरने,
हे हिमत हार मत रिजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
कपट कटारी जुट निंद्रा,
ऐ पेला तज लीजे,
सत गुरु सामर्थ मुगतिरा दाता,
सरन अनोरा लीजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
जो थारे तरवारि ईशा वेतो,
तरत तयारी कर दिजे,
आला रे पिंगला साज सुखमना,
घर तर्विनी रो लीजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
कहत कबीर सुणो भाई सादु,
सदा आनन्द में रहिजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
जो थारो मनवो कियो नही मोने,
जो थारो जीवडो कियो नही मोने,
दोष गुरु ने मत दीजे,
रे भगती राजी वेने कीजे।।
– गायक एवं प्रेषक –
हाज़ाराम देवासी
8150000451
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