जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे।।
तर्ज – नंदरानी कन्हैया जबर भयो रे।
मन में बसा ले तू शिव का शिवाला,
साथ चलेगा तेरे डमरू वाला,
जो मन शिव की भक्ति में रम गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे।।
जग की ये माया बड़ी उलझाए,
पाप कर्म भक्ति के आड़े आवे,
जो शिवजी ने हाथ सिर पे धर दियो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे।।
बम बम बासुकी का नाम बड़ा प्यारा,
नाम ने लाखो को पार उतारा,
जो भोलेनाथ ने हाथ पकड़ लियो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे।।
जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे।।
स्वर – सौरभ मधुकर।