जीवडा़ काई लायो काई लेग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
राम नाम तो कदी नी लिदो,
कदी नी जपिया जाप,
पाँच नाम तो परमेश्वर का,
ले बेटी का बाप,
अस्यो काई नेम नतारो करग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
दो रोटी को चाकर वेता,
पूंजी भेली किदी रे,
साधु समझया बुझ्या सु,
जरा अकल नी लिदी रे,
भगतडा चार चौखले फर गयो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
धोबी का गधा ज्यु वेग्यो,
नहीं घाट नही घर को,
वागळ ज्यु अध बिच मे रेग्यो,
नहीं निचे नी ऊपर को,
नदी के ढावे तरस्यो रेग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
महल मालिया छोड़ अंत मे,
वास मिले मरघट को,
जनम ताही मर जावतो चातो,
सवा हाथ को बटको,
बोझ कया धरती ऊपर बण ग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
आतम मे परमातम बसे,
होद सके तो होद,
बिना गुरु को नुगरो रेग्यो,
वारे जमी का जोद,
चौकड़ी चुक बावलो वेग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
राम नाम हिरदा मे धारो,
साचो सुमिरन कर ले,
गुरु चेतन समरथ मलिया,
भव सु पार उतर ले,
ऊकारो चेतन शरणे आग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
जीवडा़ काई लायो काई लेग्यो रे,
लाफा तागंड माय जमारो पुरो वेग्यो रे।।
गायक – जगदीश वैष्णव जी।
प्रेषक – लेहरी लाल।
9057243272