जीवन में जब विपदा आई,
कौन बचाने वाला,
मेरा सतगुरु प्यारा,
हारे का सहारा,
संकट में जब मन घबराये,
कौन है देता सहारा,
मेरा सतगुरु प्यारा,
हारे का सहारा।।
गुरु बिन विवेक ना होता,
गुरु बिन कोई ज्ञान ना पाता,
क्षण भंगुर ये जीवन है,
सतगुरु हमको बतलाता,
अपने प्यारो को गोविन्द से,
कौन मिलाने वाला,
मेरा सतगुरु प्यारा, हारे का सहारा।।
स्वामी अमर देव के शिष्य है,
स्वामी कृष्ण देव कहलाये,
इनकी किरपा से हमने,
स्वामि धर्मदेव है पाए,
भटके हुए पथिक को,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
मेरा सतगुरु प्यारा, हारे का सहारा।।
हरी ॐ जपो तुम मुख से,
गुरु वर ने ये बतलाया,
हरिहर का ध्यान धरो तुम,
झूटी है जग की माया,
मन के पंछी को पिंजरे से उड़ने वाला,
मेरा सतगुरु प्यारा, हारे का सहारा।।
सुन शुकल दास की वाणी,
तू गुरु शरण ले प्राणी,
बिन गुरु ज्ञान ना मिलता,
है वेदों ने भी बखानी,
पारस की विनती सुन लीजे,
घट घट में करो उजाला,
मेरा सतगुरु प्यारा, हारे का सहारा।।
जीवन में जब विपदा आई,
कौन बचाने वाला,
मेरा सतगुरु प्यारा,
हारे का सहारा,
संकट में जब मन घबराये,
कौन है देता सहारा,
मेरा सतगुरु प्यारा,
हारे का सहारा।।