जिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा भजन लिरिक्स

जिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा,
भक्त को भगवान का चिंतन होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा।।

तर्ज – रिमझिम बरसता सावन होगा।



सच्ची धारणा से प्रह्लाद ने जो ध्याया था,

खम्बे से हरी जी का दर्शन पाया था,
कहते है जिसको दर्शन होगा,
कहते है जिसको दर्शन होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा,
जिसके ह्रदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा।।



भक्तो को तारने तारणहार आए थे,

जंगल में झुटे बेर शबरी के खाए थे,
जिसका सहारा रघुनन्दन होगा,
जिसका सहारा रघुनन्दन होगा,
जिसके ह्रदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा।।



द्रोपदी ने बांधा केवल चार कच्चे धागो से,

चिर हरण के दिन चिर पाई माधव से,
जिसका सहारा मनमोहन होगा,
जिसका सहारा मनमोहन होगा,
जिसके ह्रदय में हरी सुमिरण होगा,
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा।।



जिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा,

उसका सफल क्यों ना जीवन होगा,
भक्त को भगवान का चिंतन होगा
उसका सफल क्यों ना जीवन होगा।।


Previous articleतेरा दर्श पाने को जी चाहता है भजन लिरिक्स
Next articleमेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here