जिस के घर में खाटू वाले की,
तस्वीर लगाई जाती है,
जिस घर में लीले वाले की,
नित ज्योत जगाई जाती है,
जिस घर का छोटा बच्चा भी,
श्री श्याम की माला जपता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है।।
तर्ज – जिस देश में गंगा रहता है।
पता लगा लो उस घर की कहानी,
जान के होगी सबको हैरानी,
उस घर के सारे दुखडो को,
श्याम हमेशा सहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है।।
करे हिफायत ये पुरे घर की,
इसके होते क्या बात है डर की,
जब सारा घर सो जाता है,
मेरा श्याम जागता रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है।।
खूब संभाले सदा निभाए,
छोड़ के घर वो कहीं ना जाए,
कहे ‘पवन’ गुणगान श्याम का,
जहाँ पे चलता रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है।।
जिस के घर में खाटू वाले की,
तस्वीर लगाई जाती है,
जिस घर में लीले वाले की,
नित ज्योत जगाई जाती है,
जिस घर का छोटा बच्चा भी,
श्री श्याम की माला जपता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है,
वहां श्याम का पेहरा रहता है।।
स्वर – राजू मेहरा जी।
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