जिनके घर में श्याम विराजे,
उनको चिंता होती नही,
जिन आँखों ने श्याम को देखा,
वो आंखे कभी रोती नही,
जिनके घर में श्याम विराजें,
उनको चिंता होती नही।।
उनके घर में कही ना कही पे,
जय श्री श्याम लिखा होगा,
तीन बाण के निशान के निचे,
हारे का सहारा लिखा होगा,
इतना अटल विश्वास हो जिनको,
उनकी हार होती नही,
जिनके घर में श्याम विराजें,
उनको चिंता होती नही।।
उस घर के कोने कोने में,
इतर महकता रहता है,
दिल की हर धड़कन से उनकी।
भाव भजन ही निकलता है,
जिन हाथों से भोग लगाया,
उनसे गलती होती नही,
जिनके घर में श्याम विराजें,
उनको चिंता होती नही।।
उस घर में मेहमान को प्यारे,
श्याम का प्रेमी कहते है,
समय देख के बिन भोजन के,
जाने नही वो देते है,
ऐसे घर में सच में ‘कन्हैया’,
कोई कमी कभी होती नही,
जिनके घर में श्याम विराजें,
उनको चिंता होती नही।।
जिनके घर में श्याम विराजे,
उनको चिंता होती नही,
जिन आँखों ने श्याम को देखा,
वो आंखे कभी रोती नही,
जिनके घर में श्याम विराजें,
उनको चिंता होती नही।।
Singer – Kanhiya Mittal Ji