झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है भजन लिरिक्स

झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है,
उनके ही इशारों चलता ये संसार है,
पालनहार है खेवनहार है,
झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।।

तर्ज – कब तक चुप बैठे।



बन जाए बिगड़ी सबकी,

ये बिगड़े काम बनाती,
बच्चों को दादी अपने,
है पलकों पर बिठाती,
इनकी ममता के आगे सब बेकार है,
पालनहार है खेवनहार है,
झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।।



दुनिया में सतिया बहुत हैं,

सिरमौर है मेरी दादी,
है कलयुग की अवतारी,
जिसे पूजे दुनिया सारी,
भक्तों के भरती ये तो भण्डार है,
पालनहार है खेवनहार है,
झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।।



दुनिया ठुकराए जिसको,

उसे दादी गले लगाती,
जग में पहचान बने,
इस लायक मैया बनाती,
‘अशोक’ के सर पे भी माँ तेरा हाथ है,
पालनहार है खेवनहार है,
झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।।



झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है,

वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है,
उनके ही इशारों चलता ये संसार है,
पालनहार है खेवनहार है,
झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है,
वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।।

Singer – Shweta Agarwal


Previous articleधन्य तुम्हारा गुरुदेव जी मुझ पर जो उपकार किया भजन लिरिक्स
Next articleसुन सांवरे तेरे ही भरोसे मेरी नाव रे भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here