झोली गरीब की पड़ गई छोटी,
दातार तूने इतना दिया,
सरकार तूने इतना दिया।।
मैं था गरीब मेरा कोई नहीं था,
मांगता बहुत पर मिलता नहीं था,
बिना मांगे बाबा मेरी झोली भर दी,
दातार तूने इतना दिया,
सरकार तूने इतना दिया।।
आया मैं आया बाबा द्वार तेरे आया,
लाया मैं लाया बाबा खाली झोली लाया,
मर जाते बाबा दया जो न होती,
दातार तूने इतना दिया,
सरकार तूने इतना दिया।।
इतना दिया उसे कैसे सँभालु,
‘बनवारी’ तुझको मैं दिल से दुआ दूँ,
किरपा बनी रहे यही मेरी विनती,
दातार तूने इतना दिया,
सरकार तूने इतना दिया।।
झोली गरीब की पड़ गई छोटी,
दातार तूने इतना दिया,
सरकार तूने इतना दिया।।